दूरगामी नयन डेस्क
हल्द्वानी/लालकुआं। गौला नदी से इस बार चुगान के लिए अड़चन कम होने वाली नहीं दिख रही हैं! सूत्रों के अनुसार गोला नदी की लीज 18 जनवरी को समाप्त होने जा रही है लेकिन इस दिशा में अब तक पहल होती नज़र नहीं आ रही है! हजारों लोग इस कारोबार से जुड़े हैं। गौला नदी दश साल को चुगान के लिए मिली थी और कुछ शर्ते भी रखी गई थी। शर्त थी कि नदी से भू कटाव न हो इसके लिए बाढ़ नियंत्रण के लिए नदी के दोनों ओर वृक्ष लगाए जाने हैं लेकिन एनजीटी के नियमों के विपरीत चुगान के नाम पर भारी भरकम तरीके से खनन कार्य हुआ है! चुगान को मिली नदी में खनन किया गया जिससे नदी अत्यधिक मात्रमें गहरी हो गई और परिणाम स्वरूप वह भू कटाव तेज कर आबादी की ओर तेजी से हर साल बढ़ रही है जो चिंता का विषय है। तटबंध के लिए हर साल पैसा आता है जिसकी बंदर बांट हो जाती है और सिर्फ दिखावा किया जाता है और करोड़ों रुपए डकार जाता है महकमा और लगवा भगवा ब्रिगेड! गौला नदी किनारे रहने वाले लोगों से पूछा गया तो वह खनन कार्य को कुछ साल के लिए प्रतिबन्धित कर पहले नदी से बचाव हेतु मजबूत दीवार की मांग करेंगे। नदी से हजारों करोड़ों का कारोबार होता है लेकिन गांव को बचाने के लिए मजबूत तटबंध क्यों नहीं बन सकते? नदी को फिर से लीज में लेने की कवायद के साथ ही गांव को बचाने की भी कवायद होनी चाहिए जो एनजीटी के नियम के अनुरूप है। चुगान के नाम पर खनन का खेल हो सकता है तो गांव को बचाने के लिए मजबूत तटबंध बनाने का काम भी हो सकता है। स्थानीय सांसद और विधायक को चाहिए कि वह जनता को बचाने के लिए मजबूत तटबंध बनाने की पहल करें जिससे बिंदुखत्ता को बचाया जा सके। नदी किनारे के गांव में रहने वालों का दर्द जो सुनेगा वह जनता की बात को सही कहेगा! बरसात में गरीब उजड़ते जाते हैं इसका समाधान खोजने की जरूरत है। राजस्व गांव नहीं होने के कारण बिंदुखत्ता के साथ सोतेला व्यवहार होने का जनता आरोप लगाती है। जनप्रतिनिधि भी बरसात में ही चिल्लाते हैं और फिर भूल जाते हैं इससे दर्जनों परिवार अब तक भूमिहीन हो गए हैं उनकी जमीन नदी निगल चुकी है। नदी से जुड़े लोग बेरोजगार हों ये किसी की मंशा नहीं है लेकिन भविष्य के खतरों पर भी चिंतन किया जाना जरूरी है। हाथी कारीडोर बनाया है लेकिन क्या दस मीटर गहरी नदी में हाथी उतर सकेगा ? बेवकूफ बनाने जैसा काम हो रहा है! बीच नदी में बांध बना दिया गया है जो बाढ़ का कारण बन रहा है देवरामपुर में इसलिए वैज्ञानिक आधार पर नदी से चुगान हो इसके लिए सरकारी तंत्र को ईमानदार पहल करनी होगी।
More Stories
सामान्य सीट पर एससी अभ्यर्थी के चयन को Nainital High Court में चुनौती, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को नोटिस
बिंदुखत्ता:-राजीव नगर प्रथम में अयोजित श्री रामलीला मंचन का आज हवन और भंडारे के साथ हुआ समापन…
बिंदुखत्ता:- आवारा गौवंश की चपेट में आया युवक, युवा भाजपा नेता विजय जोशी बने मददगार… देखे VIDEO